Thursday, June 30, 2016

नमस्कार
दमण म्युनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष श्री अनिलभाई टंडेल आपका कार्य अत्यंत सराहनीय है आपने दमण मे गटर की सफाई शुरू करवाई है और खुद उपस्थित रहते हो।
पर मेरे भाई जहा जहा सफाई हो गई वहा की गटर के ढक्कन को बंध करवाने का क्या अब अलग से टेन्क निकलेगा? और फिर ठेके से वे खुले ढक्कन को बंध करवाओगे?
मेरे भाई दो जगह सफाई ना हो तो कोई आसमान नही तुटेगा पर सफाई हो जाने पर वहां से गटर से निकला कचरा उठाने के साथ ढक्कन को भी उसी समय बंध करवाते चलो।
दुसरे आपने वोटर हार्वेस्टिंग के नाम पर तो ये है वो है करके बात को फाईल मे बंद करके कोने मे रखवा दिया। और अगले वर्ष फिर यही पानी कि किल्लत की हो हल्ला होना तय है। कारण दमण की जनता को प्रशासन की मदद के बीना कोई काम नही होता ये आदत बन चुकी है। मै दो महीने तक लगातार लिखता रहा कितने लोगो ने यह सिस्टम करवाई नही जानता। कल एक भाई ने बताया साईकृपा के साथ लगे मलबारी कोम्प्लेक्श मे 300 फिट तक बोर करने पर भी पानी नही है। सोचो दमण एक मरू स्थल बन गया है। कारण दिलीपनगर, साईकृपा का क्षेत्र कभी हरी यारा हुआ करता था वहा खेती होती थी, आज ये हाल है। और जनता है बस प्रशासन मदद करेगी थी ही हो कर पायेगी नही गाली देते रहेगे लेकिन खुद नही करायेगी।
और दुसरी बात ये जो गटर हर दो महीने चोक हो जाने का बडा कारण है सबने अपने घर मे टोयलेट से सेफ्टी टेन्क से मल/मुत्र की लाईन गटर मे जोड दी है। टोयलेट के लिए सेफ्टी टेन्क के साथ सोख पीट बनानी होती है वो कोई नही बनाता और इस गटर मे पाइप जोड दिया है।
अगर वाहवाही करानी हो तो भाई दो कार्य करवा ली वोटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सब नये पुराने घर के लिए कम्प्लीट हो और एक टीम बनाओ और ये टोयलेट की लाईन जो गटर मे जोडी है उसे बंध करवाओ। बाकी तो खुल्ला कहता हूँ आप कितनी भी मेहनत कर लो सब व्यर्थ है।
जय हिन्द जय दमण

Wednesday, June 29, 2016

मित्रो 
कुछ दिन पहले मैने साप / सरीसृप के विषय मे एक पोस्ट लिखी थी। जिसमे बताया था के दमण के विभिन्न क्षेत्र से आये दिन साप/सरीसृप निकलते रहते है उस हमारे माननीय बंधु गुरूभाई अपने जान के जोखिम से पकडते है।
पर उसे पकडने के बाद उसका क्या होता है? किसीने इस बात पर ध्यान दिया? गुरूभाई को एक बार कहते सुना था की "पकडे साप/सरीसृप को सुरक्षित जंगल मे छोड दिया जाता है" अरे भाई लेकिन दमण मे जंगल कहने के लिए कुछ है ?! अरे अब तो दमण मे खेती करने हेतु जगह ना के बराबर रह गई है तो जंगल....! 
मैने आप सभी से बताया था क्यो न प्रशासन ऐसे पकडे गये साप /सरीसृप के योग्य संवर्धन के लिए एक संग्रहालय बनाए जिससे अनेक कार्य साथ होगे।
1 पकडे साप/सरीसृप का योग्य संवर्धन होगा।
2  संवर्धन हेतु कुछ लोगो को रोजगार दिया जायेगा।
3  दमण मे आनेवाले पर्यटक के लिए एक आकर्षण बनेगा।
क्या मेरी बात पर ध्यान देगे ?

चलो संग्रहालय की बात भूल जाओ पर पर अगर समझो शायद मै शायद शब्द प्रयोग कर रहा हूं के  इन पकडे गये साप/ सरीसृप के साथ कुछ गलत तो नही रहा?

आप अपनी राय जरूर दे यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है।

Monday, June 27, 2016

शाकाहरी बनने की सोंच रहे हैं तो जल्‍द बन जाएं क्‍योंकि इसके हैं कई फायदे

अगर आप मांसाहारी हैं और शाकाहारी बनाने का सोच रहें हैं, तो आप बिलकुल सही सोच रहें है। क्योंकि शाकाहारी लोग, मांसाहारी लोगों से ज्यादा समय तक जीते हैं। लेकिन इसका यहाँ बिलकुल मलतब नहीं है कि मांसाहारी भोजन ख़राब है।
शाकाहारी भोजन में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। मांस में मिलने वाले तत्वों के कारण मांसाहार का पाचन जल्द नहीं किया जा सकता, जबकि शाकाहार भोजन का पाचन जल्दी किया जा सकता हैं।
तो अगर आप शाकाहारी बनने की सोंच रहे हैं और आपको ऐसा करने के लिये कोई कारण चाहिये तो, आहये जानें शाकाहार भोजन के क्‍या क्‍या फायदे होते हैं।
आप हमेशा तारो ताज़ा रहेंगे
शाकाहारी भोजन आसानी से पच जाता है जिसके चलते आपका दिमाग हमेशा हल्का और स्वस्थ रहता है।
ब्लड प्रेशर सामान्य रहता हैशाकाहारी भोजन में सोडियम की मात्रा कम होती है, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर नार्मल रहता है। लेकिन सब्ज़ियों में ज्यादा नमक का इस्तेमाल ना करें।
शरीर से विषाक्त पदार्थ बहार निकल जाते हैंमांसाहार और प्रोसेस्ड फ़ूड में बहुत सारे विषाक्त पदार्थ होते हैं जब की शाकाहारी आहार खाने से विषाक्त शरीर से बहार निकल जाते हैं। इसके अलावा, कुछ जानवरों में हार्मोन इंजेक्शन लगाये जाते हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए नुक्सान देह होता है।
वजन घटना आसान हो जाता हैशाकाहारी लोगों का वजन जल्दी बढ़ता नहीं है क्योंकि सब्ज़ियों में फैट और कैलोरीज कम होते हैं। और अगर आप वजन घटना चाहते हैं तो हरो सब्ज़ियाँ खाना शुरू कर दें, वजन बहुत जल्दी कम हो जायेगा।
पाचन तंत्र बेहतर हो जाता हैआपके शरीर को मांसाहार को पचाने में काफी मेहनत करी पड़ती है। जिससे पाचन तंत्र धीमा पड़ जाता है। वही जब आप शाकाहारी भोजन खाते हैं तो आपका पाचन तंत्र बेहतर होता जाता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती हैकई अध्ययनों से पता चला है कि शाकाहारी भोजन कई सारे हेल्थ इश्यूज और इन्फेक्शन से बचाता है। यही नहीं यह आपके प्रतिरक्षा प्रणाली भी बेहतर करता है।
प्रोटीन: शाकाहारी होने के बाद अगर आप बहुत ज्यादा वर्कआउट करते हैं तो ऐसा भोजन खाएं जिसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो।
એક વાર એક મહાત્માએ એક કુતરાને પુછ્યુ કે આમ તો તુ બહુ વફાદાર, પણ તારામા ત્રણ ખામીઓ છે.
1. તૂ પેશાબ હમેશા દિવાલ ઉપર કરે.
2. તૂ ભીખારી ને જોઈને અકારણ ભુકે છે.
3. તૂ રાતે ભુકી ભુકી ને લોકોની ઉંઘ ખરાબ કરે છે.
એ વાત પર કુતરાએ બહુ સરસ જવાબ આપ્યો
1. જમીન પર પેશાબ એટલા માટે નથી કરતો કે કયાંક કોઈ ભકતએ બેસી ઇશ્વર ની આરાધના કરી હોય તો !
2. ભીખારી પર એટલે ભુકુ છું કે એ ભગવાન ને છોડી એવા લોકો પાસે માંગે છે જે પોતે ભીખારી છે.
3. રાત્રે ભુકવાનુ કારણ એ કે, હે પાપી મનુષ્ય તૂ ગફલત ની ઉંઘમાં ક્યાં સૂતો છે. ઉઠ તારા એ પ્રભુને યાદ કર જેણે તને આટલુ બધુ આપ્યુ છે.
मित्रो नमस्कार
दमण मे लगता है दमण पुलिस बाकी कार्यो मे अति व्यस्त हो गई है कारण कितने लंबे समय से दुपहिया (टु व्हीलर) चालक को बिना हेलमेट के पकडते या रोक कर चालान करते नही देखा ना सुना है।
दमणवासीओ अगर फिर से यह कार्य पुलिस जोर से शुरू कर दे तो जिनके पास हेलमेट नही है उनके लिए एक स्टान्डर्ड हेलमेट खरीदने के लिए वापी जानेके अलावा कोई दुसरा उपाय नही है। कितनी बडी विडंबना है दमण की अनेक प्रकार, ब्रान्ड की हर छोटी बडी वस्तु दमण मे मिल जाये लेकिन सबसे महत्वपूर्ण हेलमेट के लिए एक भी दुकान दमण मे नही।
अगर दमण पुलिस कल को हेलमेट बिना पकडना शुरू कर दे तो उनको चालान करने बजाय एक नया हेलमेट वहां स्थल पर दे कर उनसे बिल देकर पैसे वसु करले। (यहां सरकार किसी हेलमेट की दुकान वाले के साथ सरकारी नियमो से व्यवस्था कर ले) और जितनी भी बार वो बिना हेलमेट पकडा जाये हर बार एक नई हेलमेट देदे। वो बेचारा न चाहते हुए भी हेलमेट पहनने की आदत डाल देगा।
ये सिर्फ मेरे मन का तर्क है कितनी हद तक लागु किया जाये ये सोचने वाली बात है। आप इस बात पर अपना सुझाव दे सकते है।
नमस्कार मित्रो
दो दिन से इश्वर कृपा से दमण मे अच्छी बरसात हो रही है।
आशा करता हूँ आप सभी ने इस बह जाने बारीस के पानी का संग्रह करने का कोइ न कोइ उपाय कर लिया होगा। आशा है अबके बार दमणवासी पानी की किल्लत होने की फरियाद नही करेगे और ना ही करनी चाहिए। आप सब को लगभग दो महीने का समय मिला था और हर तीसरे दमणवासी ने पानी के संग्रह के लिए सब को जागरूक करने के लिए सोशीयल मिडिया का भरपुर उपयोग किया है।
दमण मे कुछ वर्ष पहले तक बरसात का मिजाज अलग होता था। एक बार शुरू हुइ तो हफ्ते दस दिन तक लगातार आना, फिर हफ्ता दस दिन के विराम के बाद हफ्ते दस दिन गिरना।
अब वो नही होता है कारण सिधा है दमण मे पहले जो हरियाली थी उसके 10% भी नही बचि है। 10 वर्ष पहले जब हम वापी की तरफ जाते थे तब वरकुन्ड वडचौकी से लेकर डाभेल चेकपोस्ट तक भरपुर पेड ही पेड। आज कुछ नही है।
तो जैसे हर वर्ष होता है इस वर्ष भी वृक्षारोपण करने के लिए अनेक समाज सेवी संस्था और बडे गणमान्य व्यक्ति बाहर आयेगे।
आप सभी से विनती है के वृक्षारोपण करो तो वापी से दमण आने-जाने वाली सडक के दोनो तरफ करे, साथ ही ये ध्यान रखे की जो पौधे आप लगाओ वो निलगीरी या अन्य कोइ शोभा बढाने वाला नही अपितु बरगद, पीपल, आदी के पौधे लगाए जो बडे होके छाया देने के साथ सुंदरता भी बढाते है। पीपल का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष है जो 24 घण्टे कार्बनडायोक्साइड को लेता है ऑक्सीजन देता है। एसा करने से वातावरण मे प्रदुषण भी कम होगा। किसी सोसायटी या अपने घर के आसपास लगाओ तो 10 मे से 5 पौधे फल देनेवाले लगाओ।
मित्रो आशा करता हूँ आप मेरी बात पर जरूर गौर करेंगे और दमण को उसकी सुंदरता फिर लौटाने मे सहयोग करे।
आदत डालो घर पर आपके बच्चे या परिजन के जन्मदिन की केक काटने से पहले अपने आसपास कोइ खुली और योग्य जगह देखकर एक फल देनेवाला पौधा अवश्य लगाए और जिस बच्चे का जन्मदिन हो उसे इस पौधे के संवर्धन की जिम्मेदारी के लिए मानसिक रूप से तैयार भी करे जिससे उसके मन मे पर्यावरण के प्रति एक लगाव रहे।
मित्रो आशा करता हूँ इन छोटी छोटी बातो को अमल करके हम अपने शहर की प्रगति मे अवश्य सहभागी हो सकते हैं।
आओ अपने शहर अपने गाव को हराभरा और सुंदर स्वच्छ और स्वस्थ बनाए।