गन्ने के रस का चमत्कारी उपाय! पूरे परिवार को होंगे ये खास फायदे ------
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किसी भी तरह का कलह तमाम सुख-सुविधाओं के बीच रहते हुए भी व्यक्ति को
बेचैन रखता है। इस तरह ताप या गर्मी से शरीर तप जाता है, ठीक उसी तरह संताप
भी अंदर ही अंदर इंसान को जलाता है।
ऐसे ही दु:ख और संताप को दूर रखने के लिए धर्मशास्त्र सुख हो या दु:ख हर
हालात में ईश्वर को स्मरण करते रहने की सीख देते हैं। देव उपासना मन में
आत्मविश्वास और आशा बनाए रखती है। यही वजह है कि दु:खों से छुटकारे या बचाव
के देव विशेष की उपासना का महत्व है।
हिन्दू धर्म में रुत्
यानी दु:ख या संताप दूर करने वाले देवता के रूप में भगवान रुद्र यानी शिव
पूजनीय है। खासतौर पर हिन्दू पंचांग का वैशाख माह (वर्तमान में जारी) भी
गर्मी की तपन का मौसम है। इस माह में मात्र जल धारा से ही प्रसन्न होने
वाले देवता आशुतोष शिव का विशेष फल के रसों से अभिषेक बहुत ही शुभ माना गया
है।
अगर आप भी छोटे या बड़े दु:खों का सामना कर रहे हैं तो
खासतौर पर कल प्रदोष तिथि या अमावस्या पर दु:खों से बचने व छुटकारे के लिए
शिव का यहां बताया जा रहा विशेष रस से अभिषेक का उपाय जरूर करें।
इसके मुताबिक यहां बताए जा रहे विशेष मंत्र से शिव का गन्ने के रस से
अभिषेक करना मानसिक शांति देने के साथ घर-परिवार से भी कलह का अंत करता है।
साथ ही धनी, भाग्यवान व रूप व संतान की चाहत भी पूरी करता है। जानिए क्या
है यह आसान व चमत्कारी उपाय -
- सुबह स्नान कर यथासंभव सफेद वस्त्र पहन घर या शिवालय में शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद यथाशक्ति गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर नीचे लिखें मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र "नम: शिवाय" बोलकर अर्पित करें -
रूपं देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।।
- गन्ने के रस से अभिषेक के बाद पवित्र जल से स्नान कराकर गंध, अक्षत,
आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र शिव को अर्पित करें। सफेद व्यंजनों का भोग लगाएं।
किसी शिव मंत्र का जप करें।
- धूप, दीप व कर्पूर आरती करें।
- अंत में क्षमा मांगकर दु:खों से मुक्ति व रक्षा की कामना करें।
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