Sunday, April 29, 2012

ध्यान क्या है? what is Dhyaan?

ध्यान  यानि  वर्त्तमान  में  रहना , जहा  कोई  भूतकाल  और  भविष्यकाल  के  विचार  न  हो . ऐसे  समय  में  मन  निर्विचारिता  की  स्थिति  को  प्राप्त  करता  हे  तब  हमे  आत्मा  जिस  परमात्मा  का  अंश  हे  उसके  साथ  एक  होने  का  अनुभव  होता  हे . अर्थात  आप  मन  की  शांति  और  दिव्या  चैतन्य  का  सुखद  अनुभव  करते  हो  क्युकी  परमात्मा  की  शक्ति  विस्वचेतना  के  रूप  में  हमारे  ही  भीतर  विद्यमान  हे .

जो  इस  ध्यान  साधना सम्पूर्ण  समर्पण  क  भाव  से  करने  से  निर्विचार  स्थिति  पाने  में  अधिक  आसानी  होती  हे . जो  आप  आपके  सद्गुरु  के  प्रति  सम्पूर्ण  भाव  रखो ,जो  इश्वर  की  शक्ति  का  जिवंत  माध्यम  हे  तो  आप  आसानी  से  विस्वचेतना  की  अनुभूति  का  आनंद  ले  सकते  हो . जो  विश्व  के  कण  कण  में विद्यमान  हे . जिस  तरह  फूलो  की  सुगंध  को  शब्दों  में  वर्णन  नहीं  किया  जा  सकता  ठीक  इसी  तरह  से  सुखद  शाश्वत  आनंद  की  अनुभूति  शब्दों   से  परे  हे , अवर्णीय  हे  और  अलोकिक  हे . देखा  जाये  तो  कस्तूरी  मृग  की  तरह  शास्वत  सुख  का  खजाना  हमारे  ही  भीतर  हे  और  अगर  उसको  आसानी  से  चाहते  हो  तो  सबसे  सरल  उपाय  हे  समर्पण  ध्यान .

ध्यान  से  होने  वाले  लाभ :

ध्यान  वो  साधना  हे  जिस  से  हमारा  सम्बन्ध  विस्वचेतना  से  जुड़ता  हे , जो  परमात्मा  की  शक्ति  हे  और  वो  ही  शक्ति  हम  से  सारा  कार्य  करवाती  हे , जिस  के  परिणाम  स्वरुप  हमारे  समग्र  व्यक्तित्व  का  विकास  होता  हे .

शारीरिक  स्तर  पर : जैसे  जैसे  हमारी  ध्यान  में  प्रगति  होती  वैसे  वैसे  हमे  रोगों  से  सम्पूर्ण  मुक्ति  मिलती  हे  और  हम  तंदुरस्त  और  स्वस्थ  व्यक्ति  बन  जाते  हे  और  स्वस्थ  शारीर  में  रोगप्रतिकार  शक्ति  यानि  की  immunity power भी  बढ़ता  हे .

मानसिक  स्तर  पर : तनाव , भय , आत्मग्लानी  और  निराशा  जैसे  मानसिक  रोगों  से  मुक्ति  मिलती  हे . भूतकाल  की  दुखद  घटनाओ  से  छूटकर  मिलता  हे  और  भविष्य  की  चिन्ताओ  से  भी  छुटकारा  मिलता  हे  और  हम  वर्तमान  काल  में  शांतिपूर्ण , सुखमय  जीवन  का  आनंद  ले  सकते  हे .

सामाजिक  स्तर  पर : जीवन  में  संतोष ,शांति ,आनंद  प्राप्त  होने  से  हम  सम्पूर्ण  संतुलित  अवस्था  में  कार्य  करते  हे . जिस  से  जीवन  में  सफलता  मिलती  हे . हमारी  आर्थिक  स्थिति  भी  संतुलित  रहती  हे  और  हम  हमारे  अन्दर  परिपूर्णता  का  अनुभव  करते  हे.

आध्यात्मिक  स्तर  पर : ध्यान  द्वारा  हम  निर्विचार  स्थिति  का  अनुबह्व  करते  हे , आप  को  आत्मा  की  अनुभूति  होने  लगती  हे  और  धीरे  धीरे  हम  उस  में  प्रगति  कर  के   आत्म्शाक्षत्कर  पा  सकते  हे .
----  कृष्णा  पटेल  जे बी एस , वडोदरा 

2 comments:

  1. आप रोमन हिंदी में क्यों लिखते हो? हिन्देमे लिखनेके लिये गूगलकी सुविधाए आसानीसे नेट पर मिल सकती है.

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  2. म एडम्स KEVIN, Aiico बीमा plc को एक प्रतिनिधि, हामी भरोसा र एक ऋण बाहिर दिन मा व्यक्तिगत मतभेद आदर। हामी ऋण चासो दर को 2% प्रदान गर्नेछ। तपाईं यस व्यवसाय मा चासो हो भने अब आफ्नो ऋण कागजातहरू ठीक जारी हस्तांतरण ई-मेल (adams.credi@gmail.com) गरेर हामीलाई सम्पर्क। Plc.you पनि इमेल गरेर हामीलाई सम्पर्क गर्न सक्नुहुन्छ तपाईं aiico बीमा गर्न धेरै स्वागत छ भने व्यापार वा स्कूल स्थापित गर्न एक ऋण आवश्यकता हो (aiicco_insuranceplc@yahoo.com) हामी सन्तुलन स्थानान्तरण अनुरोध गर्न सक्छौं पहिलो हप्ता।

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