मित्रो आज टी वी समाचारो मे देखा के पांचवी बार ग्रीन कोरीडोर बनाकर ब्रेन डेड व्यक्ति का हृदय सफलता पूर्वक दुसरे शहर भेजा गया प्रत्यारोपण के लिए, प्रत्यारोपण भी सफल रहा।
क्यो न हम भी सपथ ले की "मृत्यु बाद मेरा हृदय, कीडनी, लीवर, आँखे वगैरह अंग को योग्य समय पर निकाल कर किसी जरूरतमंद के शरीर मे प्रत्यारोपित किया जाये।
अंदाजा करो कितने लोगो की जान बच जायेगी इससे, कितने परिवार उजडने से बच जायेगे।
वैसे भी मृत्यु के बाद अपना शरीर हिन्दु होगे तो अग्नि के समर्पित किया जायेगा, क्रिस्टियन और मूसलमान होगा तो दफन होगा। इससे वे सारे अंग या तो जलकर राख हो जायेगे या मिट्टी मे गल जायेगे।
आओ मेरे मित्रो आज के बाद हम प्रण करे मृतयु बाद अपने अंगो का दान कर किसीको नवजीवन देगे।
मेरी इस अपील से सहमत हो तो अपने परिवार, मित्रो, समाज, गाव, शहर मे इस बात का प्रचार करे और लोगो को ऐसा करने के लिए जागृत करे। दमण मे भी लोग इस बात के तैयार हो यह आशा।
इस संदेश को अधिक से अधिक लोगो तक पहोचे इस शेयर जरूर करे।
क्यो न हम भी सपथ ले की "मृत्यु बाद मेरा हृदय, कीडनी, लीवर, आँखे वगैरह अंग को योग्य समय पर निकाल कर किसी जरूरतमंद के शरीर मे प्रत्यारोपित किया जाये।
अंदाजा करो कितने लोगो की जान बच जायेगी इससे, कितने परिवार उजडने से बच जायेगे।
वैसे भी मृत्यु के बाद अपना शरीर हिन्दु होगे तो अग्नि के समर्पित किया जायेगा, क्रिस्टियन और मूसलमान होगा तो दफन होगा। इससे वे सारे अंग या तो जलकर राख हो जायेगे या मिट्टी मे गल जायेगे।
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