Wednesday, June 29, 2016

मित्रो 
कुछ दिन पहले मैने साप / सरीसृप के विषय मे एक पोस्ट लिखी थी। जिसमे बताया था के दमण के विभिन्न क्षेत्र से आये दिन साप/सरीसृप निकलते रहते है उस हमारे माननीय बंधु गुरूभाई अपने जान के जोखिम से पकडते है।
पर उसे पकडने के बाद उसका क्या होता है? किसीने इस बात पर ध्यान दिया? गुरूभाई को एक बार कहते सुना था की "पकडे साप/सरीसृप को सुरक्षित जंगल मे छोड दिया जाता है" अरे भाई लेकिन दमण मे जंगल कहने के लिए कुछ है ?! अरे अब तो दमण मे खेती करने हेतु जगह ना के बराबर रह गई है तो जंगल....! 
मैने आप सभी से बताया था क्यो न प्रशासन ऐसे पकडे गये साप /सरीसृप के योग्य संवर्धन के लिए एक संग्रहालय बनाए जिससे अनेक कार्य साथ होगे।
1 पकडे साप/सरीसृप का योग्य संवर्धन होगा।
2  संवर्धन हेतु कुछ लोगो को रोजगार दिया जायेगा।
3  दमण मे आनेवाले पर्यटक के लिए एक आकर्षण बनेगा।
क्या मेरी बात पर ध्यान देगे ?

चलो संग्रहालय की बात भूल जाओ पर पर अगर समझो शायद मै शायद शब्द प्रयोग कर रहा हूं के  इन पकडे गये साप/ सरीसृप के साथ कुछ गलत तो नही रहा?

आप अपनी राय जरूर दे यह अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है।

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