बहन याद आ गईR ??
इसे जरूर पढेR !!
गरमीओ के मौसम मे आग निगलती दोपहर को एक ठंडा बेचनेवाले की दुकान पर भीड लगी थी। गरमीR से राहत पाने सब अपने मनपसंद ठंडे पेय का लुत्फ उठा रहे थे।एक फटे कपडे और बिखरे बालोवाली लडकी अपने अपने मनपसंद पेय का मजा ले रहे लोगो की और देखती रहीR।
उसमे से एक व्यक्ति का ध्यान उस लडकी की तरफ गया। लडकी दुर थी इस लिए उस व्यक्ति ने उसे पास बुलाया, पर वो लडकी पास आने मे संकोच का अनुभव कर रही थीR।
शायद उसके गंदे और फटे कपडे वहां खडे सज्जनो के पास जाते हुए रोक रहे थे, फिर भी थोडी हिम्मत करके वो पास गई। उस व्यक्ति ने पुछा,
" तुझे लस्सी पीनी है ?
" लडकी ने 'हां' कहा, साथ ही मुह मे पानी आ गयाR। लडकी के लिए ड्रायफ्रुट स्पेशीयल लस्सी का ऑर्डर दिया गया।
लस्सी का गीलास लडकी के हाथ मे आया, वो फटी आंखो से गीलास मे लस्सी के उपर काजुबादाम को देखती रही। उसने उस व्यक्ति की तरफ आभार व्यक्त करते हुए कहा,
" शेठ, जीन्दगी मे कभी ऐसा पीया नही है, सुगंध भी अच्छी आ रही है।"
इतना बोलते उसने गीलास को मुंह से लगाया, गीलास होठों को स्पर्श करे उससे पहले उसने हटा लियाR।
गीलास दुकानवाले भाई को देते हुए उसने कहा, "भाई, मुझे यह लस्सी पैक कर दोना। कोइ भी थैली मे होगा चलेगा।"
दुकानवाले को लडकी पर थोडा गुस्सा आया वो बोला, यहां खडी पी ले इसे पैक करवाकर तुझे क्या करना है?"
लडकी ने रोतीसी आवाज मे दुकानवाले से कहा, "भाई, आपकी लस्सी कितनी अच्छी है, घरपे मेरा छोटा भाई है उसे ऐसी लस्सी पीने कोR कब मिलेगी?
मेरे भाई के लिए ले जाना है मुझे पैकिंग कर दोना भाई !"
लडकी के इन शब्दो ने वहां खडे सभी पुरूषो की आँख नम कर दी कारण सबको अपनी बहन याद आ गई।
मित्रो, अपने भाग का या अपने नसीब का जो है वो एक बहन अपने भाई के लिए कुर्बान कर देती है, ऐसी प्यार की साक्षात देवी समान बहन का हम कुछ दबा तोR नही रहे?
थोडा ध्यान करना।
अच्छा लगे तो कोपी - पेस्ट - शेयर करने की संपूर्ण आजादी है।
-सभी प्यारी बहनो को रक्षाबंधन पे तोहफा
राहुल पंड्या, दमण
इसे जरूर पढेR !!
गरमीओ के मौसम मे आग निगलती दोपहर को एक ठंडा बेचनेवाले की दुकान पर भीड लगी थी। गरमीR से राहत पाने सब अपने मनपसंद ठंडे पेय का लुत्फ उठा रहे थे।एक फटे कपडे और बिखरे बालोवाली लडकी अपने अपने मनपसंद पेय का मजा ले रहे लोगो की और देखती रहीR।
उसमे से एक व्यक्ति का ध्यान उस लडकी की तरफ गया। लडकी दुर थी इस लिए उस व्यक्ति ने उसे पास बुलाया, पर वो लडकी पास आने मे संकोच का अनुभव कर रही थीR।
शायद उसके गंदे और फटे कपडे वहां खडे सज्जनो के पास जाते हुए रोक रहे थे, फिर भी थोडी हिम्मत करके वो पास गई। उस व्यक्ति ने पुछा,
" तुझे लस्सी पीनी है ?
" लडकी ने 'हां' कहा, साथ ही मुह मे पानी आ गयाR। लडकी के लिए ड्रायफ्रुट स्पेशीयल लस्सी का ऑर्डर दिया गया।
लस्सी का गीलास लडकी के हाथ मे आया, वो फटी आंखो से गीलास मे लस्सी के उपर काजुबादाम को देखती रही। उसने उस व्यक्ति की तरफ आभार व्यक्त करते हुए कहा,
" शेठ, जीन्दगी मे कभी ऐसा पीया नही है, सुगंध भी अच्छी आ रही है।"
इतना बोलते उसने गीलास को मुंह से लगाया, गीलास होठों को स्पर्श करे उससे पहले उसने हटा लियाR।
गीलास दुकानवाले भाई को देते हुए उसने कहा, "भाई, मुझे यह लस्सी पैक कर दोना। कोइ भी थैली मे होगा चलेगा।"
दुकानवाले को लडकी पर थोडा गुस्सा आया वो बोला, यहां खडी पी ले इसे पैक करवाकर तुझे क्या करना है?"
लडकी ने रोतीसी आवाज मे दुकानवाले से कहा, "भाई, आपकी लस्सी कितनी अच्छी है, घरपे मेरा छोटा भाई है उसे ऐसी लस्सी पीने कोR कब मिलेगी?
मेरे भाई के लिए ले जाना है मुझे पैकिंग कर दोना भाई !"
लडकी के इन शब्दो ने वहां खडे सभी पुरूषो की आँख नम कर दी कारण सबको अपनी बहन याद आ गई।
मित्रो, अपने भाग का या अपने नसीब का जो है वो एक बहन अपने भाई के लिए कुर्बान कर देती है, ऐसी प्यार की साक्षात देवी समान बहन का हम कुछ दबा तोR नही रहे?
थोडा ध्यान करना।
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-सभी प्यारी बहनो को रक्षाबंधन पे तोहफा
राहुल पंड्या, दमण
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