Monday, August 15, 2016

समस्त देशवासीओ को राहुल पंड्या की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये।
मित्रो मन मे प्रश्न उठता है, क्या सही अर्थ मे हम भारतवासी स्वतंत्र है?
सन 1840 मे लोर्ड मोरे ने भारतवासी को लंबे समय तक गुलाम रखने के लिए जो शिक्षा पद्धति लागु करवाई थी वो आज भी चालु है।
स्वतंत्रता के पश्चात भारत गणतंत्र बना उस समय हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया। और तब से लेकर आज तक उसके विकास के लिए अलग से राजभाषा विभाग कार्यरत है।
विडंबना ये है के राजभाषा विभाग आजतक हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा के रूप मे स्थापित नही कर सका। आज के दिन स्वतंत्रता दिवस की जितनी भी शुभकामनाये मिली उसमे से 80% से अधिक अंग्रेजी मे थी।
आज भी तमाम सरकारी कामकाज को हिन्दी मे करने के लिए उस संबंधित विभाग या अधिकारी को प्रोत्साहन के लिए इनाम दिया जाता है।
आज समग्र भारतवर्ष मे यह स्थिति है की स्थानीय भाषा की प्राथमिक पाठ शाला सब धिरे धिरे बंध होने के कगार पर है कारण सब के सब अभिभावक अपने बच्चे को अंग्रेजी मे शिक्षण देने पर उतारू है।
अब कोई मा डोक्टर के पास अपने 5 वर्ष के बच्चे को लेके जाती है तब डोक्टर कहे जीभ दिखाओ तो बच्चा नही समझता और मा कहती है बेटा टंग दिखाओ डोक्टर दखल को।
कारण आज भी हम वही अंग्रेजो वाली मानसीकता मे जी रहे है।
मित्रो आओ सही अर्थ मे स्वतंत्र बने अपनी मातृभाषा और राजभाषा का सम्मान करे ऐसा करने हम सही अर्थ मे अपने देश को स्वतंत्र बनाए।
जय हिन्द ।।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाये ।।

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