तुलसी का पौधा
अधिकांश
हिंदू घरों में तुलसी का पौधा अवश्य ही होता है। तुलसी घर के आंगन में
लगाने की प्रथा हजारों साल पुरानी है। तुलसी को दैवी का रूप माना जाता है।
साथ ही मान्यता है कि तुलसी का पौधा घर में होने से घर वालों को बुरी नजर
प्रभावित नहीं कर पाती और अन्य बुराइयां भी घर और घरवालों से दूर ही रहती
है।
तुलसी का पौधा होने से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और कीटाणुओं
से मुक्त रहता है। कभी-कभी किसी कारण से यह पौध सूख भी जाता है ऐसे में इसे
घर में नहीं रखना चाहिए बल्कि इसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करके
दूसरा तुलसी का पौधा लगा लेना चाहिए। सुखा हुआ तुलसी का पौधा घर में रखना
कई परिस्थितियों में अशुभ माना जाता है। इससे विपरित परिणाम भी प्राप्त हो
सकते हैं। घर की बरकत पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी वजह से घर में हमेशा
पूरी तरह स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाया जाना चाहिए।
तुलसी का धार्मिक महत्व तो है ही लेकिन विज्ञान के दृष्टिकोण से तुलसी एक
औषधि है। आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बुटि के समान माना जाता है। तुलसी
में कई ऐसे गुण होते हैं जो बड़ी-बड़ी जटिल बीमारियों को दूर करने और उनकी
रोकथाम करने में सहायक है। तुलसी का पौधा घर में रहने से उसकी सुगंध
वातावरण को पवित्र बनाती है और हवा में मौजूद बीमारी के बैक्टेरिया आदि को
नष्ट कर देती है। तुलसी की सुंगध हमें श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है।
साथ ही तुलसी की एक पत्ती रोज सेवन करने से हमें कभी बुखार नहीं आएगा और इस
तरह के सभी रोग हमसे सदा दूर रहते हैं। तुलसी की पत्ती खाने से हमारे शरीर
की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है।
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