मानो या न मानो
महाभारत युद्ध के पश्चात् राजा युधिष्ठिर की ३० पीढ़ियों ने १७७० वर्ष ११ माह १० दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा हैः
युधिष्ठिर : ३६ वर्ष
परीक्षित: ६० वर्ष
जनमेजय: ८४ वर्ष
अश्वमेध: ८२ वर्ष
द्वैतीयरम: ८८ वर्ष
क्षत्रमाल: ८१ वर्ष
चित्ररथ: ७५ वर्ष
दुष्टशैल्य: ७५ वर्ष
उग्रसेन: ७८ वर्ष
शूरसेन: ७८ वर्ष
भुवनपति: ६९ वर्ष
रणजीत: ६५ वर्ष
श्रक्षक: ६४ वर्ष
सुखदेव: ६२ वर्ष
नरहरिदेव: ५१ वर्ष
शुचिरथ: ४२ वर्ष
शूरसेन द्वितीय: ५८ वर्ष
पर्वतसेन: ५५ वर्ष
मेधावी: ५२ वर्ष
सोनचीर: ५० वर्ष
भीमदेव: ४७ वर्ष
नरहिरदेव द्वितीय: ४७ वर्ष
पूरनमाल: ४४ वर्ष
कर्दवी: ४४ वर्ष
अलामामिक: ५० वर्ष
उदयपाल: ३८ वर्ष
दुवानमल: ४० वर्ष
दामात: ३२ वर्ष
भीमपाल: ५८ वर्ष
क्षेमक: ४८ वर्ष
क्षेमक के प्रधानमन्त्री विश्व ने क्षेमक का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी १४ पीढ़ियों ने ५०० वर्ष ३ माह १७ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
विश्व: १७ वर्ष
पुरसेनी: ४२ वर्ष
वीरसेनी: ५२ वर्ष
अंगशायी: ४७ वर्ष
हरिजित: ३५ वर्ष
परमसेनी: ४४ वर्ष
सुखपाताल: ३० वर्ष
काद्रुत: ४२ वर्ष
सज्ज: ३२ वर्ष
आम्रचूड़: २७ वर्ष
अमिपाल: २२ वर्ष
दशरथ: २५ वर्ष
वीरसाल: ३१ वर्ष
वीरसालसेन: ४७ वर्ष
वीरसालसेन के प्रधानमन्त्री वीरमाह ने वीरसालसेन का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी १६ पीढ़ियों ने ४४५ वर्ष ५ माह ३ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
वीरमाह: ३५ वर्ष
अजितसिंह: २७ वर्ष
सर्वदत्त: २८ वर्ष
भुवनपति: १५ वर्ष
वीरसेन: २१ वर्ष
महिपाल: ४० वर्ष
शत्रुशाल: २६ वर्ष
संघराज: १७ वर्ष
तेजपाल: २८ वर्ष
मानिकचंद: ३७ वर्ष
कामसेनी: ४२ वर्ष
शत्रुमर्दन: ८ वर्ष
जीवनलोक: २८ वर्ष
हरिराव: २६ वर्ष
वीरसेन द्वितीय: ३५ वर्ष
आदित्यकेतु: २३ वर्ष
प्रयाग के राजा धनधर ने आदित्यकेतु का वध करके उसके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी ९ पीढ़ी ने ३७४ वर्ष ११ माह २६ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
धनधर: २३ वर्ष
महर्षि: ४१ वर्ष
संरछि: ५० वर्ष
महायुध: ३० वर्ष
दुर्नाथ: २८ वर्ष
जीवनराज: ४५
रुद्रसेन: ४७ वर्ष
आरिलक: ५२ वर्ष
राजपाल: ३६ वर्ष
सामन्त महानपाल ने राजपाल का वध करके १४ वर्ष तक राज्य किया।
अवन्तिका (वर्तमान उज्जैन) के विक्रमादित्य ने महानपाल का वध करके ९३ वर्ष तक राज्य किया।
विक्रमादित्य का वध समुद्रपाल ने किया और उसकी १६ पीढ़ियों ने ३७२ वर्ष ४ माह २७ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
समुद्रपाल: ५४ वर्ष
चन्द्रपाल: ३६ वर्ष
सहपाल: ११ वर्ष
देवपाल: २७ वर्ष
नरसिंहपाल: १८ वर्ष
सामपाल: २७ वर्ष
रघुपाल: २२ वर्ष
गोविन्दपाल: २७ वर्ष
अमृतपाल: ३६ वर्ष
बालिपाल: १२ वर्ष
महिपाल: १३ वर्ष
हरिपाल: १४ वर्ष
सीसपाल: ११ वर्ष (कुछ ग्रंथों में सीसपाल के स्थान पर भीमपाल का उल्लेख मिलता है, सम्भव है कि उसके दो नाम रहे हों।).
मदनपाल: १७ वर्ष
कर्मपाल: १६ वर्ष
विक्रमपाल: २४ वर्ष
विक्रमपाल ने पश्चिम में स्थित राजा मालकचन्द बोहरा के राज्य पर आक्रमण कर दिया जिसमे मालकचन्द बोहरा की विजय हुई और विक्रमपाल मारा गया। मालकचन्द बोहरा की १० पीढ़ियों ने १९१ वर्ष १ माह १६ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
मालकचन्द: ५४ वर्ष
विक्रमचन्द: १२ वर्ष
मानकचन्द: १० वर्ष
रामचन्द: १३ वर्ष
हरिचंद: १४ वर्ष
कल्याणचन्द: १० वर्ष
भीमचन्द: १६ वर्ष
लोवचन्द: २६ वर्ष
गोविन्दचन्द: ३१ वर्ष
रानी पद्मावती: १ वर्ष
रानी पद्मावती गोविन्दचन्द की पत्नी थीं। कोई सन्तान न होने के कारण पद्मावती ने हरिप्रेम वैरागी को सिंहासनारूढ़ किया जिसकी ४ पीढ़ियों ने 50 वर्ष 0 माह 12 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
हरिप्रेम: ७ वर्ष
गोविन्दप्रेम: २० वर्ष
गोपालप्रेम: १५ वर्ष
महाबाहु: ६ वर्ष
महाबाहु ने सन्यास ले लिया। इस पर बंगाल के अधिसेन ने उसके राज्य पर आक्रमण कर अधिकार जमा लिया। अधिसेन की १२ पीढ़ियों ने १५२ वर्ष ११ माह २ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
अधिसेन: १८ वर्ष
विल्वसेन: १२ वर्ष
केशवसेन: १५ वर्ष
माधवसेन: १२ वर्ष
मयूरसेन: २० वर्ष
भीमसेन: ५ वर्ष
कल्याणसेन: ४ वर्ष
हरिसेन: १२ वर्ष
क्षेमसेन: ८ वर्ष
नारायणसेन: २ वर्ष
लक्ष्मीसेन: २६ वर्ष
दामोदरसेन: ११ वर्ष
दामोदरसेन ने उमराव दीपसिंह को प्रताड़ित किया तो दीपसिंह ने सेना की सहायता से दामोदरसेन का वध करके राज्य पर अधिकार कर लिया तथा उसकी ६ पीढ़ियों ने १०७ वर्ष ६ माह २२ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
दीपसिंह: १७ वर्ष
राजसिंह: १४ वर्ष
रणसिंह: ९ वर्ष
नरसिंह: ४५ वर्ष
हरिसिंह: १३ वर्ष
जीवनसिंह: ८ वर्ष
पृथ्वीराज चौहान ने जीवनसिंह पर आक्रमण करके तथा उसका वध करके राज्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया। पृथ्वीराज चौहान की ५ पीढ़ियों ने ८६ वर्ष २० दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
पृथ्वीराज: १२ वर्ष
अभयपाल: १४ वर्ष
दुर्जनपाल: ११ वर्ष
उदयपाल: ११ वर्ष
यशपाल: ३६ वर्ष
विक्रम संवत १२४९ (1193 AD) में मोहम्मद गोरी ने यशपाल पर आक्रमण कर उसे प्रयाग के कारागार में डाल दिया और उसके राज्य को अधिकार में ले लिया।
----- गौरी राय
महाभारत युद्ध के पश्चात् राजा युधिष्ठिर की ३० पीढ़ियों ने १७७० वर्ष ११ माह १० दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा हैः
युधिष्ठिर : ३६ वर्ष
परीक्षित: ६० वर्ष
जनमेजय: ८४ वर्ष
अश्वमेध: ८२ वर्ष
द्वैतीयरम: ८८ वर्ष
क्षत्रमाल: ८१ वर्ष
चित्ररथ: ७५ वर्ष
दुष्टशैल्य: ७५ वर्ष
उग्रसेन: ७८ वर्ष
शूरसेन: ७८ वर्ष
भुवनपति: ६९ वर्ष
रणजीत: ६५ वर्ष
श्रक्षक: ६४ वर्ष
सुखदेव: ६२ वर्ष
नरहरिदेव: ५१ वर्ष
शुचिरथ: ४२ वर्ष
शूरसेन द्वितीय: ५८ वर्ष
पर्वतसेन: ५५ वर्ष
मेधावी: ५२ वर्ष
सोनचीर: ५० वर्ष
भीमदेव: ४७ वर्ष
नरहिरदेव द्वितीय: ४७ वर्ष
पूरनमाल: ४४ वर्ष
कर्दवी: ४४ वर्ष
अलामामिक: ५० वर्ष
उदयपाल: ३८ वर्ष
दुवानमल: ४० वर्ष
दामात: ३२ वर्ष
भीमपाल: ५८ वर्ष
क्षेमक: ४८ वर्ष
क्षेमक के प्रधानमन्त्री विश्व ने क्षेमक का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी १४ पीढ़ियों ने ५०० वर्ष ३ माह १७ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
विश्व: १७ वर्ष
पुरसेनी: ४२ वर्ष
वीरसेनी: ५२ वर्ष
अंगशायी: ४७ वर्ष
हरिजित: ३५ वर्ष
परमसेनी: ४४ वर्ष
सुखपाताल: ३० वर्ष
काद्रुत: ४२ वर्ष
सज्ज: ३२ वर्ष
आम्रचूड़: २७ वर्ष
अमिपाल: २२ वर्ष
दशरथ: २५ वर्ष
वीरसाल: ३१ वर्ष
वीरसालसेन: ४७ वर्ष
वीरसालसेन के प्रधानमन्त्री वीरमाह ने वीरसालसेन का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी १६ पीढ़ियों ने ४४५ वर्ष ५ माह ३ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
वीरमाह: ३५ वर्ष
अजितसिंह: २७ वर्ष
सर्वदत्त: २८ वर्ष
भुवनपति: १५ वर्ष
वीरसेन: २१ वर्ष
महिपाल: ४० वर्ष
शत्रुशाल: २६ वर्ष
संघराज: १७ वर्ष
तेजपाल: २८ वर्ष
मानिकचंद: ३७ वर्ष
कामसेनी: ४२ वर्ष
शत्रुमर्दन: ८ वर्ष
जीवनलोक: २८ वर्ष
हरिराव: २६ वर्ष
वीरसेन द्वितीय: ३५ वर्ष
आदित्यकेतु: २३ वर्ष
प्रयाग के राजा धनधर ने आदित्यकेतु का वध करके उसके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी ९ पीढ़ी ने ३७४ वर्ष ११ माह २६ दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
धनधर: २३ वर्ष
महर्षि: ४१ वर्ष
संरछि: ५० वर्ष
महायुध: ३० वर्ष
दुर्नाथ: २८ वर्ष
जीवनराज: ४५
रुद्रसेन: ४७ वर्ष
आरिलक: ५२ वर्ष
राजपाल: ३६ वर्ष
सामन्त महानपाल ने राजपाल का वध करके १४ वर्ष तक राज्य किया।
अवन्तिका (वर्तमान उज्जैन) के विक्रमादित्य ने महानपाल का वध करके ९३ वर्ष तक राज्य किया।
विक्रमादित्य का वध समुद्रपाल ने किया और उसकी १६ पीढ़ियों ने ३७२ वर्ष ४ माह २७ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
समुद्रपाल: ५४ वर्ष
चन्द्रपाल: ३६ वर्ष
सहपाल: ११ वर्ष
देवपाल: २७ वर्ष
नरसिंहपाल: १८ वर्ष
सामपाल: २७ वर्ष
रघुपाल: २२ वर्ष
गोविन्दपाल: २७ वर्ष
अमृतपाल: ३६ वर्ष
बालिपाल: १२ वर्ष
महिपाल: १३ वर्ष
हरिपाल: १४ वर्ष
सीसपाल: ११ वर्ष (कुछ ग्रंथों में सीसपाल के स्थान पर भीमपाल का उल्लेख मिलता है, सम्भव है कि उसके दो नाम रहे हों।).
मदनपाल: १७ वर्ष
कर्मपाल: १६ वर्ष
विक्रमपाल: २४ वर्ष
विक्रमपाल ने पश्चिम में स्थित राजा मालकचन्द बोहरा के राज्य पर आक्रमण कर दिया जिसमे मालकचन्द बोहरा की विजय हुई और विक्रमपाल मारा गया। मालकचन्द बोहरा की १० पीढ़ियों ने १९१ वर्ष १ माह १६ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
मालकचन्द: ५४ वर्ष
विक्रमचन्द: १२ वर्ष
मानकचन्द: १० वर्ष
रामचन्द: १३ वर्ष
हरिचंद: १४ वर्ष
कल्याणचन्द: १० वर्ष
भीमचन्द: १६ वर्ष
लोवचन्द: २६ वर्ष
गोविन्दचन्द: ३१ वर्ष
रानी पद्मावती: १ वर्ष
रानी पद्मावती गोविन्दचन्द की पत्नी थीं। कोई सन्तान न होने के कारण पद्मावती ने हरिप्रेम वैरागी को सिंहासनारूढ़ किया जिसकी ४ पीढ़ियों ने 50 वर्ष 0 माह 12 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
हरिप्रेम: ७ वर्ष
गोविन्दप्रेम: २० वर्ष
गोपालप्रेम: १५ वर्ष
महाबाहु: ६ वर्ष
महाबाहु ने सन्यास ले लिया। इस पर बंगाल के अधिसेन ने उसके राज्य पर आक्रमण कर अधिकार जमा लिया। अधिसेन की १२ पीढ़ियों ने १५२ वर्ष ११ माह २ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
अधिसेन: १८ वर्ष
विल्वसेन: १२ वर्ष
केशवसेन: १५ वर्ष
माधवसेन: १२ वर्ष
मयूरसेन: २० वर्ष
भीमसेन: ५ वर्ष
कल्याणसेन: ४ वर्ष
हरिसेन: १२ वर्ष
क्षेमसेन: ८ वर्ष
नारायणसेन: २ वर्ष
लक्ष्मीसेन: २६ वर्ष
दामोदरसेन: ११ वर्ष
दामोदरसेन ने उमराव दीपसिंह को प्रताड़ित किया तो दीपसिंह ने सेना की सहायता से दामोदरसेन का वध करके राज्य पर अधिकार कर लिया तथा उसकी ६ पीढ़ियों ने १०७ वर्ष ६ माह २२ दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
दीपसिंह: १७ वर्ष
राजसिंह: १४ वर्ष
रणसिंह: ९ वर्ष
नरसिंह: ४५ वर्ष
हरिसिंह: १३ वर्ष
जीवनसिंह: ८ वर्ष
पृथ्वीराज चौहान ने जीवनसिंह पर आक्रमण करके तथा उसका वध करके राज्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया। पृथ्वीराज चौहान की ५ पीढ़ियों ने ८६ वर्ष २० दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
पृथ्वीराज: १२ वर्ष
अभयपाल: १४ वर्ष
दुर्जनपाल: ११ वर्ष
उदयपाल: ११ वर्ष
यशपाल: ३६ वर्ष
विक्रम संवत १२४९ (1193 AD) में मोहम्मद गोरी ने यशपाल पर आक्रमण कर उसे प्रयाग के कारागार में डाल दिया और उसके राज्य को अधिकार में ले लिया।
----- गौरी राय
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