Tuesday, October 16, 2012

जन्मदिन मनाने की विधि

आजकल जब सर्वत्र पाश्चात्य जीवनशैली ही उपादेय समझी जा रही है तब आर्यसंस्कृति में श्रद्धा करने वाले जनों के समक्ष यह प्रश्न है कि जन्मदिन किस प्रकार मनाया जाये ?
सो जन्मदिन मनाने की विधि दिये देते हैं --
जब जन्म की तिथि का चंद्र आये , तब प्रातः उठकर नित्याकर्मादि से निवृत्त होकर पिता बच्चे को स्नान करवाए अर्थात , मंगल स्नान विधि करवाए, चौक पूरे , बच्चे को बिठाए , दाहिने दीपक धरे , बच्चे को सुगन्धित
तेल , उबटन आदि लगावे , फिर सुन्दर कलश में सर्वौषधि मिश्रित जल से स्नान करवाए , उसकी आरती उतारे , सुन्दर वस्त्र पहिराए मुँह मीठा करवाए
फिर अग्नि प्रज्ज्वलित करके पुष्टि कार्य के लिए उचित हविष तैयार करवाके इन्द्रादि देवताक मन्त्रों से हवं करे आप्त जन के साथ भोजन करे , सूर्य अस्ताचल आवे तो पुनः अग्निहोत्र करे
करे और किसी ब्राह्मण से पुराण प्रवचन आदि सुने , अथवा नृत्य गीतादि से उत्सव करे ये कलिकाल में जन्मदिन मनाने की विधि है |
-- श्रीयुत् सौरभ अनिल टिकेकर

1 comment:

  1. Janamdinpar sapta chiranjiviyonki puja karate hai. isaka vidhi shsrome diya hai

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