Monday, August 20, 2012

हकीकत में एक ह्रदय स्पर्शी अनुभव ........

में बिग बाज़ार में यु ही खरीदी करने के साथ थोडा तेहेल रहा था तो मैंने देखा खिलोनो के एक
काउंटर पर केशिअर और एक 5 से 6 साल के  बच्चे में बेहेस हो रही थी |
केशिअर ने कहा, मुजे माफ़ करो पर तुम्हारे पास इतने पैसे नहीं है की तुम इस गुडिया को खरीद शको | वो बच्चा मेरी तरफ मुड़ा और कहने लगा आप ही देखिये और कहें क्या सच मेरे पास इतने पैसे नहीं है ?
मैंने उसके हाथ से पैसे को लेकर गिना और कहा बेटे आपके पास वास्तव में इतने पैसे नहीं है, वो बच्चा तब भी वो गुडिया  अपने हाथ में थामे हुए था |

आखिर मैं उसकी तरफ मुड़ा और पूछा "आप यह गुडिया किसे देना चाहते है ?" उसने जवाब दिया ये वाही गुडिया है जो मेरी बेहें को पसंद थी और में उसे उसके जन्म दिन पर भेट करना चाहता था  |

अब मैं ये गुडिया मेरी माँ को दे दूंगा जो ये गुडिया मेरी बेहें को दे देगी जब वो वहां जायेगी, ये कहते हुए उसकी आँखे नाम हो गयी, मेरी बेहेन इश्वर के पास चली गयी है, और मेरे पिताजी का कहना है जल्द ही मेरी माँ भी वहां जानेवाली है, तो मैंने सोचा वो ये गुडिया में उसे दे दू और वो इसे बेहेन को दे देगी........ 

मेरा ह्रदय ये सुनके एक पल तो धड़कना भूल सा गया | वो बच्चा मेरी तरफ देख के बोला "मैंने मेरे पिताजी से कहा है की जब तक में मोल से ये गुडिया लेकर न आ जाऊ वे उसे जाने नहीं देंगे", साथ उसने मुजे अपनी  एक खुबसूरत फोटो दिखाई जिसमे वो हंस रहा था | में चाहता हु माँ मेरी ये फोटो भी साथ ले जाए ताकि मेरी प्यारी बेहेन मुजे भूल न जाए, में मेरी माँ से बेहद प्यार करता हु और चाहता हु वो ना जाए पर पिताजी  कहते है उसे जाना ही पड़ेगा मेरी बेहेन के पास | उसने बड़ी उदासी से उस गुडिया की तरफ देखा |

मैंने जल्दी से अपना बटुआ निकाला और उस बच्चे से कहा "आओ हम फिर से तुम्हारे हात के पैसो को गिन के देखेंगे हो सकता है आपके पास गुडिया खरीदने के लिए पुरे पैसे हो ?
"ठीक है", उसने कहा , "उम्मीद है उतने पैसे हो |" मैंने उस बच्चे की नज़र चुरा के उसमे कुछ पैसे अपनी तरफ से दाल दिए और हम वो पैसे गिनने लगे | अब गुडिया खरीदने के लिए जरुरी पैसे थे साथ कुछ पैसे बच जाते थे|

बच्चा बोला "शुक्रिया इश्वर जरुरी पैसे देने के लिए !"

तब वो मेरी तरफ मुड़ा और कहने लगा, "मैंने कल रात सोने से पहले इश्वरसे प्रार्थना की थी की वे मुजे ये गुडिया खरीदने के लिए पैसे हो, जिसे मेरी माँ उसे ले जाके बेहेन को दे सके, उसने मेरी सुनली! मैंने ये भी चाह था मेरे पास इतने पिसे हो जिससे मैं एक सफ़ेद गुलाब का फुल खरीद के अपनी माँ को दे सकू पर मैंने डर के ये नहीं माँगा | पर उन्होंने मुजे गुडिया के साथ साथ एक सफ़ेद गुलाब का फुल खरीदने के लिए भी पैसे दे दिए, मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब के फुल बेहद पसंद है |" 

में मेरी खरीदारी को एक अलग अंदाज़ में युही ख़त्म कर वहां से घर आया, में किसी भी तरह उस बच्चे को नहीं भुला पा रहा था | तब मुजे याद आया एक स्थानिक समाचार पत्रिका में पढ़े एक लेख की और गया, दो दिन पहले नशे में धुत  एक ट्रक चालाक ने एक कार को टक्कर मार उसमे बैठे माँ और एक बेटी घायल किया जिसमे बेटी की मौत उसी समय हो गयी थी और माँ की हालत गंभीर थी और परिवार वालो को ये तय करना था कब उस वेंटिलेटर (लाइफ सेविंग सिस्टम) को निकाल ले या रखे क्योंकि डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था की वे इस कोमा से अब नहीं उबार सकती, तो क्या यही उस छोटे बच्चे का परिवार है ?

उस बच्चे से मुलाकात के दो दिन बाद समाचार पत्र में पढ़ा की वो जवान औरत का देहांत हो चुका है | में अपने आप को रोक नहीं पाया, और सफ़ेद गुलाब का कुछ फूलो का जुमका लेकर उस औरत की अंतिम संस्कार में गया जहां उस औरत का शव लोगो के दर्शन हेतु रखा था, कोफीन रखे उस शव के हाथो में सफ़ेद गुलाब का फुल देखा साथ में उस बच्चे की फोटो और वो गुडिया रखी हुई थी, में अपनी आँखों में आंसुओ के साथ वहां से निकल आया और महसूस कर रहा था मेरा जीवन इस एक वाकये से पूरा बदल चूका था |  

वो प्यार जो उस बच्चे को अपनी माँ और बेहेन से था वो कायम है वो मेरी सोच के बिलकुल बाहर था, और उस नशेबाज ट्रक चालाक ने पल भर में उस बच्चे से सब कुछ चीन लिया था |

कृपया कभी भी नशा करके वहां न चलाये 

अब आप के पास २ पर्याय है
१) यह सन्देश को आगे लोगो तक पहुचाए 

अथवा

२) ये बात ने आप के ह्रदय को नहीं छुआ है
जो ये सोचते है इश्वर हमारे सारे कार्यो नहीं देखता है ......आगे बड़ी और इस सन्देश को मिटा दे | बाकी लोग इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाए |

इंसान होने कीमत वो  दुसरो से कैसा व्यवहार करता है और क्या पाने में समर्थ होता है  उसीसे होती है |
---श्री मनीष पंडया 









1 comment: