Friday, August 17, 2012

हिन्दूओ का रामदान / मलमास का महीना

रामदान क्यों कहा इस महीने के लिए ?

इसके पीछे पोराणिक कहानी है की मलमास विष्णु भगवान के पास गए और उनसे शिकायत की ,की सभी महीनो का कोई ना कोई देवता होता है लेकिन मेरा कोई भी नही है इसलिए मेरी कोई पूछ नही है /

...मलमास की इस बात से विष्णु जी ने मलमास को आश्वासन दिया की इस महीने जो भी मेरे पुरुषोतम अवतार यानि श्री राम की पूजा करेगा उसको शुभ फल मिलेंगे / इसीलिए इस महीने को राम दान का महीना भी कहा जाता है /

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सूर्य और गुरु दोनों ग्रहों का मिलान होने के कारण ही मलमास होता हें.. वर्ष में एक बार मलमास इसलिए आता हें की इसमें वर्षभर में किये गए गलत /बुरे कार्य हो जाते हें उनका समाधान हो जाये...इस मलमास में दान पुण्य और सेवा करने का बहुत महत्त्व हें...ऐसा करने से सालभर तक मनुष्य रोग मुक्त होने के साथ-साथ गृहों की शांति भी होती हें...किसी भी विवाह संस्कार के लिए सूर्य गृह और गुरु(वृहस्पति) का होना बहुत जरुरी होता हें...इसीलिए इस समय (इस मलमास) में विवाह कार्य नहीं होते हें /

मलमास मै वर्जित ..


रात को खाना नहीं खाना , दूध तक नही पीना ( चाहे दिन को शाम को दोपहर को खावो )

विवाह ,खरीदारी जैसे कार्य नही
दान करे ,

जय श्री राम
--- श्री राजिव शर्मा

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