Sunday, September 30, 2012

गोग्रास

 भोजन से पहले गाय को खिलाएं गोग्रास, क्योंकि..
सनातन धर्म परंपराएं संस्कार, मर्यादा, भावनाओं और जीवन मूल्यों से ओतप्रोत है। इसी कड़ी में गाय को ग्रास यानी भोजन से पहले उसका कुछ हिस्सा गाय को खिलाना भी प्रमुख है। जो धार्मिक परंपरा ही नहीं है, बल्कि इससे व्यक्ति, परिवार और समाज के लिए एक अहम सबक भी जुड़ा है, जो खुशहाल जीवन के लिए बेहद अहम है। जानिए, क्या है गाय को ग्रास देने के पीछे खास संदेश
सनातन धर्म में गाय पवित्र और पूजनीय प्राणी है। इसके पीछे समुद्र मंथन से कामधेनु का निकलना या गाय में करोड़ों देवी-देवताओं के वास होने की धार्मिक मान्यताएं भी प्रमुख हैं। वहीं, व्यावहारिक रूप से देखा गया है कि गाय के दूध से लेकर मूत्र तक शरीर को निरोगी रखने वाले होते हैं।
इस तरह देखा जाए तो पावनता ही गाय की सबसे बड़ी खासियत है। गो ग्रास भी गाय की तरह कर्म, स्वभाव, चरित्र और आचरण की पवित्रता का अहम संदेश देता है। क्योंकि ऐसा होने पर ही किसी व्यक्ति का परिवार या समाज में मान, प्रतिष्ठा, रुतबा और समर्थन बढ़ता है।
यही नहीं, गाय स्वभाव से अहिंसक प्राणी है, जो सिखाती है कि स्वभाव से भद्र बने। भद्र यानी विनम्र, निडर, खुले और सीधी सोच का इंसान। जिसकी संगति हर कोई पसंद करता है।
इस तरह गोग्रास परंपरा से चरित्र और स्वभाव की पावनता का सूत्र अपनाएं। जिससे मिला यशस्वी और सफल जीवन आपके साथ पूर्वजों का भी मान-सम्मान बरकरार रखेगा। वैसे ही जैसे गाय और उसकी देह का हर अंश अपेक्षित और पूजनीय है।

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