जन गण मन – हमारा राष्ट्रगान
हमारा राष्ट्रगान "जन गण मन" हमारे पूरे देश में हर राष्ट्रीय पर्व पर और
समारोहों में गाया जाता है। क्या हम इस के बारे में पूरी तरह जानते हैं? ये
"अधिनायक" और भारत भाग्यविधाता" कौन हैं जिनके सम्मान में हम ये गीत
भावविभोर हो कर समवेत स्वरों में गाते हैं?
“जन गण मन" गीत श्री
रविन्द्र नाथ टैगोर ने १९१९ में तब के ब्रिटिश शासक किंग जौर्ज पंचम के
भारत आगमन पर लिखा था। पूरे गीत के शुरु के ५ अंतरों को जिनमे राजा और रानी
का प्रशस्तिगान किया गया था पं० जवाहर लाल नेहरू जी ने उस अवसर पर गाने के
लिये चुना था। (और हम सब सोचते हैं कि यह गीत मात्रिभुमि भारत के लिये
है!)
इस गीत मे केवल १० राज्यों के ही नाम है - पंजाब, सिन्ध, गुजरात,
महाराष्ट्र, द्रविड (तमिलनाडु), उडीसा, बंगाल, विन्ध्य(मध्यप्रदेश),
हिमांचल और गंगा - जमुना का क्षेत्र (उत्तर प्रदेश) क्यों कि उस समय के
अंग्रेजी शासन में ये राज्य ही थे जहा ब्रिटिश हुकुमत थी। इसमें काश्मीर,
राजस्थान, आंध्रप्रदेश, मैसूर (करनाटक), गोआ, पोंडिचेरी, पूर्वोत्तर भारत
और केरल का जिक्र भी नहीं है जो त
ब राजा या
रजवाडों या या अन्य विदेशी मुल्कों या आदिवासी कबीलों द्वारा शासित थे पर
अब ये हमारे देश के अभिन्न अंग हैं। इसी तरह इसमें हिंद महासागर और अरब
सागर का भी जिक्र नहीं है क्योंकि तब इन पर पुर्तगालियों की हुकूमत थी
अंगरेजों की नहीं।
आइये अब इस गीत का पूरा अर्थ समझें:
ब्रिटिश शासक जौर्ज पंचम भारत की जनता के शासक हैं और भारतीय जनता का भाग्य तय करते हैं
अंतरा १: हम भारतीय सुबह उनका नाम स्मरण करते हुये जगते हैं, उन का आशीष चाहते हैं और उनकी जयगाथा का स्तुति गान करते हें
अंतरा २: हम सब धर्मों और राज्यों के लोग आपके दरबार में आपका स्नेह पाने के लिये और् आपके सुमधुर वचन सुनने के लिये आते हैं ।
अंतरा ३: महाराजा को हमारा पथप्रदर्शक होने के लिये हम उनका आभार प्रगट करते हैं।
अंतरा ४: हम अग्यानी असहाय निर्धन लोग आपके(महाराजा के) और अपनी मां समान महारानी से सुरक्षा देने की अनुकंपा करते हैं।
अंतरा ५: आपकी अनुकंपा से सोया भारत जागेगा। हम अपने महाराजा और महारानी के चरणों में झुक कर प्रणाम करते हैं।
इस प्रकार यह राष्ट्रगीत किसी भी प्रकार से हमारे देश के लिये न हो कर ब्रिटिश राजा और रानी का स्तुति गान है।
हमें अपने राष्ट्रगीत के लिये बन्किम चन्द्र चटर्जी रचित "वन्दे मातरम" या इकबाल रचित "सारे जहान से अच्छा" का चयन करना चाहिये था।
आइये अब इस गीत का पूरा अर्थ समझें:
ब्रिटिश शासक जौर्ज पंचम भारत की जनता के शासक हैं और भारतीय जनता का भाग्य तय करते हैं
अंतरा १: हम भारतीय सुबह उनका नाम स्मरण करते हुये जगते हैं, उन का आशीष चाहते हैं और उनकी जयगाथा का स्तुति गान करते हें
अंतरा २: हम सब धर्मों और राज्यों के लोग आपके दरबार में आपका स्नेह पाने के लिये और् आपके सुमधुर वचन सुनने के लिये आते हैं ।
अंतरा ३: महाराजा को हमारा पथप्रदर्शक होने के लिये हम उनका आभार प्रगट करते हैं।
अंतरा ४: हम अग्यानी असहाय निर्धन लोग आपके(महाराजा के) और अपनी मां समान महारानी से सुरक्षा देने की अनुकंपा करते हैं।
अंतरा ५: आपकी अनुकंपा से सोया भारत जागेगा। हम अपने महाराजा और महारानी के चरणों में झुक कर प्रणाम करते हैं।
इस प्रकार यह राष्ट्रगीत किसी भी प्रकार से हमारे देश के लिये न हो कर ब्रिटिश राजा और रानी का स्तुति गान है।
हमें अपने राष्ट्रगीत के लिये बन्किम चन्द्र चटर्जी रचित "वन्दे मातरम" या इकबाल रचित "सारे जहान से अच्छा" का चयन करना चाहिये था।
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