आजकल
जब सर्वत्र पाश्चात्य जीवनशैली ही उपादेय समझी जा रही है तब आर्यसंस्कृति
में श्रद्धा करने वाले जनों के समक्ष यह प्रश्न है कि जन्मदिन किस प्रकार
मनाया जाये ?
सो जन्मदिन मनाने की विधि दिये देते हैं --
जब जन्म की तिथि का चंद्र आये , तब प्रातः उठकर नित्याकर्मादि से निवृत्त होकर पिता बच्चे को स्नान करवाए अर्थात , मंगल स्नान विधि करवाए, चौक पूरे , बच्चे को बिठाए , दाहिने दीपक धरे , बच्चे को सुगन्धित
तेल , उबटन आदि लगावे , फिर सुन्दर कलश में सर्वौषधि मिश्रित जल से स्नान करवाए , उसकी आरती उतारे , सुन्दर वस्त्र पहिराए मुँह मीठा करवाए
फिर अग्नि प्रज्ज्वलित करके पुष्टि कार्य के लिए उचित हविष तैयार करवाके इन्द्रादि देवताक मन्त्रों से हवं करे आप्त जन के साथ भोजन करे , सूर्य अस्ताचल आवे तो पुनः अग्निहोत्र करे
करे और किसी ब्राह्मण से पुराण प्रवचन आदि सुने , अथवा नृत्य गीतादि से उत्सव करे ये कलिकाल में जन्मदिन मनाने की विधि है |
-- श्रीयुत् सौरभ अनिल टिकेकर
सो जन्मदिन मनाने की विधि दिये देते हैं --
जब जन्म की तिथि का चंद्र आये , तब प्रातः उठकर नित्याकर्मादि से निवृत्त होकर पिता बच्चे को स्नान करवाए अर्थात , मंगल स्नान विधि करवाए, चौक पूरे , बच्चे को बिठाए , दाहिने दीपक धरे , बच्चे को सुगन्धित
तेल , उबटन आदि लगावे , फिर सुन्दर कलश में सर्वौषधि मिश्रित जल से स्नान करवाए , उसकी आरती उतारे , सुन्दर वस्त्र पहिराए मुँह मीठा करवाए
फिर अग्नि प्रज्ज्वलित करके पुष्टि कार्य के लिए उचित हविष तैयार करवाके इन्द्रादि देवताक मन्त्रों से हवं करे आप्त जन के साथ भोजन करे , सूर्य अस्ताचल आवे तो पुनः अग्निहोत्र करे
करे और किसी ब्राह्मण से पुराण प्रवचन आदि सुने , अथवा नृत्य गीतादि से उत्सव करे ये कलिकाल में जन्मदिन मनाने की विधि है |
-- श्रीयुत् सौरभ अनिल टिकेकर
Janamdinpar sapta chiranjiviyonki puja karate hai. isaka vidhi shsrome diya hai
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