"भगवा"
एक पवित्र रंग है, जिसको सदियों से हमारे साधू-संत पूजते आ रहे है. सूर्य
में जो आग है वो रंग भी भगवा है. "केसरिया" या "भगवा" रंग शौर्य और वीरता
का प्रतिक है. इस रंग को पहनकर न जाने कितने वीरों ने अपना बलिदान दिया.
साधू-संतों का समागम हो या, हिन्दू मंदिरों कि ध्वजा हो या फिर सजावट सभी
में शान का रंग भगवा है. भगवा रंग में हिन्दू धर्म कि आस्था, दर्शन और
जीवनशैली छुपी हुई है. भगवा या केसरिया सूर्योदय और सुर्यास्त का रंग है,
मतलब हिंदू की चिरंतन, सनातनी, पुर्नजन्म की धारणाओं को बताने वाला रंग है
यह। आग और चित्ता या कि अंतिम सत्य का भी यह रंग है। इसी रंग के वस्त्र
धारण कर हिंदू, बौद्र साधू संत विदेश गए। दुनिया को शांति का धर्म संदेश
दिया। दुनिया की दूसरी सभ्यताओं, संस्कृतियों के अपने रंग है जबकि भगवा की
पहचान इसलिए है क्योंकि वह सिर्फ हिंदुस्तान में हिंदू-बौद्व-सिक्खों का
प्रतिनिधि रंग रहा है। हिंदूओं के लिए यह शौर्य और त्याग का भी रंग है।
महाराणा प्रताप और शिवाजी के झंडे भगवा ही तो थे।
इसी भगवा और इसी भगवा के साथ चिंदबरम ने आंतकवाद को जोडा है।
उन्होने
बकायदा पुलिस प्रमुखों की बैठक के भाषण में भगवा आतंकवाद को देश के लिए नई
चुनौती बताया। जाहिर है साध्वी प्रज्ञा और कुछ अज्ञात हिंदूवादी संगठनों
के लोगों की धरपकड को चिदंबरम ने भारत के लिए खतरा माना है। यदि ऐसा है तब
भी चिदंबरम देश के गृह मंत्री है। उन्हे मालूम है कि अभी तक अदालत में इन
लोगों पर लगे आरोप पुष्ट नहीं हुए है।
आज हर एक भारतीय चिदम्बरम
से कुछ सवालों के जवाब जानना चाहता है. जिसका जवाब शायद "सेक्युलरवाद कि
रोटियाँ तोड़ने वाली इस कांग्रेस के किसी भी "रीढविहीन नेता" के पास नहीं
है".
1. सूर्योदय और सूर्यास्त का रंग भी "भगवा या "केसरिया" है.
तो क्या सूर्य को आतंकवादी मान लिया जाए और "कांग्रेस" पार्टी द्वारा इसे
उदय होने से रोका जाए ..??
2. आज कांग्रेस पार्टी मुस्लिम वोट
बैंक को खुश करने के लिए "भगवा" को आतंकवादी बता रही है. उसी पार्टी के कई
बड़े नेताओं जैसे ( जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना आज़ाद,
सरदार तारासिंह इत्यादि-) ने 1931 के कराची अधिवेशन में "भगवा" को
राष्ट्रध्वज के रूप में स्वीकार किया. तो आदरणीय गृहमंत्री कृपया यह बताये
कि क्या ये सभी नेता "आतंकवादी" थे..?? अगर ऐसा है तो "कांग्रेस पार्टी" जो
जवाहारलाल नेहरू के नाम कि रोटियां तोड़ रही है उसको सबसे बड़ी "आतंकी"
पार्टी ही मन जाए ..??
3. भगवा/केसरिया रंग भारतीय तिरंगे में सबसे ऊपर है तो क्या तिरंगे को "राष्ट्रीय ध्वज" न मानकर "आतंकवादी पताका" माना जाए..??
4. महाराणा प्रताप और शिवाजी के झंडे का रंग भगवा/केसरिया था. तो क्या ये
माना जाए कि "देश" के लिए नहीं बल्कि "आतंक" के लिए लड़े थे.. ??
5.
"तिरंगे" में भगवा/केसरिया के आलावा " हरा" और "सफ़ेद" रंग भी है, तो क्या
हरा रंग "इस्लामी" आतंक का और "सफ़ेद" रंग "इसाई आतंक" का प्रतिक है..??
आज हर एक भारतीय चिदम्बरम से कुछ सवालों के जवाब जानना चाहता है. जिसका जवाब शायद "सेक्युलरवाद कि रोटियाँ तोड़ने वाली इस कांग्रेस के किसी भी "रीढविहीन नेता" के पास नहीं है".
1. सूर्योदय और सूर्यास्त का रंग भी "भगवा या "केसरिया" है. तो क्या सूर्य को आतंकवादी मान लिया जाए और "कांग्रेस" पार्टी द्वारा इसे उदय होने से रोका जाए ..??
2. आज कांग्रेस पार्टी मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए "भगवा" को आतंकवादी बता रही है. उसी पार्टी के कई बड़े नेताओं जैसे ( जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना आज़ाद, सरदार तारासिंह इत्यादि-) ने 1931 के कराची अधिवेशन में "भगवा" को राष्ट्रध्वज के रूप में स्वीकार किया. तो आदरणीय गृहमंत्री कृपया यह बताये कि क्या ये सभी नेता "आतंकवादी" थे..?? अगर ऐसा है तो "कांग्रेस पार्टी" जो जवाहारलाल नेहरू के नाम कि रोटियां तोड़ रही है उसको सबसे बड़ी "आतंकी" पार्टी ही मन जाए ..??
3. भगवा/केसरिया रंग भारतीय तिरंगे में सबसे ऊपर है तो क्या तिरंगे को "राष्ट्रीय ध्वज" न मानकर "आतंकवादी पताका" माना जाए..??
4. महाराणा प्रताप और शिवाजी के झंडे का रंग भगवा/केसरिया था. तो क्या ये माना जाए कि "देश" के लिए नहीं बल्कि "आतंक" के लिए लड़े थे.. ??
5. "तिरंगे" में भगवा/केसरिया के आलावा " हरा" और "सफ़ेद" रंग भी है, तो क्या हरा रंग "इस्लामी" आतंक का और "सफ़ेद" रंग "इसाई आतंक" का प्रतिक है..??
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