र ..... हर हर .... हर हर .... हर हर महादेव !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
शास्त्र कहते हैं कि शिव नाम और गुणों की महिमा अनंत व अपार है। सरल शब्दों में समझें तो शिव ऐसे देवता हैं जिनका स्वरूप अव्यक्त और अनंत है। यानी शिव के गुण व शक्तियों की गिनती या बखान साधारण इंसान के लिए संभव नहीं।
शास्त्रों में लिखी एक बात शिव के ऐसे ही दिव्य स्वरूप को उजागर करती है। इसके मुताबिक अगर पर्वत जितना काजल लेकर, समुद्र जैसी दवात में भरकर, कल्पवृक्ष की कलम से, पृथ्वी रूपी कागज पर स्वयं ज्ञान की देवी सरस्वती शिव के गुणों को लिखना शुरू करें तो शिव के गुण व शक्तियों का वर्णन खत्म नहीं होगा।
भगवान शिव के ऐसे ही गुण व शक्तियों से जुड़ा है एक अनोखा नाम है, जो खासतौर पर शिव साधना के काल में हर शिव भक्त के कंठ में बसता है। यह नाम है - हर। खासतौर पर हर-हर महादेव का जयकारा हर शिव भक्त बोलता है।
'हर' शब्द के पीछे हरण करने का भाव है। शास्त्रों के मुताबिक शिव और शिव नाम भी सभी पापों को हर लेता है। मन, बुद्धि, विचार, कर्म, वाणी के सारे दोष शिव के 'हर' नाम से नष्ट हो जाते हैं। दूसरे अर्थों में यह पवित्र शब्द पाप, दोष और दुर्गुणों पर विजय दिलाने वाला है।
'हर' नाम की महिमा यहां तक बताई गई है कि अगर 'हर' का किसी शब्द के साथ छुपे हुए या स्वर के रूप में भी उच्चारण हो तो सारे पापों का अंत हो जाता है।
विशेष तौर पर जीवन के अंतिम समय में 'हर' शब्द किसी रूप में बोलें तो बड़े से बड़ा पाप भी धुल जाता है। शिव नाम की यह दिव्य शक्ति ही शिव को अन्य देवों में सर्वश्रेष्ठ बनाती है और वह महादेव भी पुकारे जाते हैं और पापनाश और शिव की प्रसन्नता के लिए हर-हर महादेव का जयकारा लगाया जाता है।
शास्त्र कहते हैं कि शिव नाम और गुणों की महिमा अनंत व अपार है। सरल शब्दों में समझें तो शिव ऐसे देवता हैं जिनका स्वरूप अव्यक्त और अनंत है। यानी शिव के गुण व शक्तियों की गिनती या बखान साधारण इंसान के लिए संभव नहीं।
शास्त्रों में लिखी एक बात शिव के ऐसे ही दिव्य स्वरूप को उजागर करती है। इसके मुताबिक अगर पर्वत जितना काजल लेकर, समुद्र जैसी दवात में भरकर, कल्पवृक्ष की कलम से, पृथ्वी रूपी कागज पर स्वयं ज्ञान की देवी सरस्वती शिव के गुणों को लिखना शुरू करें तो शिव के गुण व शक्तियों का वर्णन खत्म नहीं होगा।
भगवान शिव के ऐसे ही गुण व शक्तियों से जुड़ा है एक अनोखा नाम है, जो खासतौर पर शिव साधना के काल में हर शिव भक्त के कंठ में बसता है। यह नाम है - हर। खासतौर पर हर-हर महादेव का जयकारा हर शिव भक्त बोलता है।
'हर' शब्द के पीछे हरण करने का भाव है। शास्त्रों के मुताबिक शिव और शिव नाम भी सभी पापों को हर लेता है। मन, बुद्धि, विचार, कर्म, वाणी के सारे दोष शिव के 'हर' नाम से नष्ट हो जाते हैं। दूसरे अर्थों में यह पवित्र शब्द पाप, दोष और दुर्गुणों पर विजय दिलाने वाला है।
'हर' नाम की महिमा यहां तक बताई गई है कि अगर 'हर' का किसी शब्द के साथ छुपे हुए या स्वर के रूप में भी उच्चारण हो तो सारे पापों का अंत हो जाता है।
विशेष तौर पर जीवन के अंतिम समय में 'हर' शब्द किसी रूप में बोलें तो बड़े से बड़ा पाप भी धुल जाता है। शिव नाम की यह दिव्य शक्ति ही शिव को अन्य देवों में सर्वश्रेष्ठ बनाती है और वह महादेव भी पुकारे जाते हैं और पापनाश और शिव की प्रसन्नता के लिए हर-हर महादेव का जयकारा लगाया जाता है।
har har mahadev words as spiritual as sandal which makes men free for all sin.
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