क्या आप जानते हैं कि..... ईसाईयों के प्रभु यीशु .... ब्रह्मचारी नहीं बल्कि ... शादीशुदा थे....!
जी हाँ.... यह सुनने में काफी अटपटा लगता है......लेकिन, बिल्कुल सत्य
है.... जबकि , आमलोगों की ये धारणा है कि..... यीशु.... सदाचार युक्त जीवन
यापन करते थे.... और, ब्रह्मचारी थे...!
प्राचीन काल के एक पैपीरस ( पत्ते से बने एक टुकड़े) पर..... यीशु के शादीशुदा होने के के प्रमाण मिले हैं.....
और, पैपीरस के इस पुराने टुकड़े ने यह विस्फोटक खुलासा किया है कि ...... यीशु ब्रह्मचारी
नहीं....बल्कि, बाकायदा शादीशुदा थे.... और, उनकी "पत्नी का नाम मैरी
मगडेलिन" था..... अर्थात..... यीशु और मैरी मगडेलिन पति-पत्नी थे ।
8 सेन्टीमीटर चौड़े और 4 सेन्टीमीटर लंबे इस पैपीरस के टुकड़े (फोटो
देखें) ने ईसाई धर्म के एक धड़े की बात को सही साबित कर दिया है कि....
यीशु ब्रह्मचारी नहीं थे।
इस टुकड़े में जो बातें लिखीं गईं
हैं.......उसके अनुसार ..... यीशु को ""मेरी वाइफ"" कहते हुए बताया गया
है... और शोधकर्ताओं के अनुसार यह शब्द मैरी मगडेलिन के लिए इस्तेमाल किया
गया है।
इस टेक्स्ट में यीशु..... कुछ आलोचनाओं से बचाव करते हुए
प्रतीत हो रहे हैं.... और, कहते हैं कि वह मेरी शिष्या है..... और, दो
लाइनों के बाद वह अपने अन्य शिष्यों से कहते हैं कि.... मैं उसके साथ रहने
के लिए हूँ ।
हालांकि, अभी भी इस पैपीरस के टुकड़े पर शक जताया जा रहा है...... और, कई लोग इस थ्योरी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं, इस प्राचीन पैपीरस के टुकड़े पर "पुरा इजिप्टियन कॉप्टिक लैंग्वेज"
में बातें लिखीं गईं थीं, जिसे ""हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के करेन किंग ने
पढ़ा"" है।
प्रोफेसर किंग अपनी इस खोज पर रोम में आयोजित हो रहे एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी पेपर पढ़ेंगी ।
जय महाकाल...!!!
स्रोत: दैनिक भास्कर dated 20.09.2012
और, पैपीरस के इस पुराने टुकड़े ने यह विस्फोटक खुलासा किया है कि ...... यीशु ब्रह्मचारी
नहीं....बल्कि, बाकायदा शादीशुदा थे.... और, उनकी "पत्नी का नाम मैरी मगडेलिन" था..... अर्थात..... यीशु और मैरी मगडेलिन पति-पत्नी थे ।
8 सेन्टीमीटर चौड़े और 4 सेन्टीमीटर लंबे इस पैपीरस के टुकड़े (फोटो देखें) ने ईसाई धर्म के एक धड़े की बात को सही साबित कर दिया है कि.... यीशु ब्रह्मचारी नहीं थे।
इस टुकड़े में जो बातें लिखीं गईं हैं.......उसके अनुसार ..... यीशु को ""मेरी वाइफ"" कहते हुए बताया गया है... और शोधकर्ताओं के अनुसार यह शब्द मैरी मगडेलिन के लिए इस्तेमाल किया गया है।
इस टेक्स्ट में यीशु..... कुछ आलोचनाओं से बचाव करते हुए प्रतीत हो रहे हैं.... और, कहते हैं कि वह मेरी शिष्या है..... और, दो लाइनों के बाद वह अपने अन्य शिष्यों से कहते हैं कि.... मैं उसके साथ रहने के लिए हूँ ।
हालांकि, अभी भी इस पैपीरस के टुकड़े पर शक जताया जा रहा है...... और, कई लोग इस थ्योरी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं, इस प्राचीन पैपीरस के टुकड़े पर "पुरा इजिप्टियन कॉप्टिक लैंग्वेज" में बातें लिखीं गईं थीं, जिसे ""हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के करेन किंग ने पढ़ा"" है।
प्रोफेसर किंग अपनी इस खोज पर रोम में आयोजित हो रहे एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी पेपर पढ़ेंगी ।
जय महाकाल...!!!
स्रोत: दैनिक भास्कर dated 20.09.2012
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