कैसा हो विद्यार्थी जीवन, बताती हैं सरस्वती
स्कूल, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में सरस्वती का चित्र देखा जा सकता है। ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती को सभी पूजते हैं। कमल पर बैठी, एक में वीणा, एक में पुस्तक, एक हाथ में माला, पीछे मोर, एकांत, नदी किनारे, एकदम सफेद कपड़ों में। आखिर यह चित्र हमें क्या समझाता है। सरस्वती हमें विद्या और ज्ञान के संदेश के अलावा जीवन प्रबंधन के कुछ महत्वपूर्ण संकेत देती है, जिससे हम पढ़ाई के बाद भी जीवन में कायम रख सकते हैं। इससे हमारी जीवन शैली भी बदल सकती है।
जानिए इस एक चित्र में कितने संदेश हैं :-
- सरस्वती हमेशा सफेद कपड़ों में होती है। इसके दो संकेत हैं पहला हमारा ज्ञान निर्मल हो, विकृत न हो। जो भी ज्ञान अर्जित करें वह सकारात्मक हो। दूसरा संकेत हमारे चरित्र को लेकर है। विद्यार्थी जीवन में कोई दुगरुण हमारे चरित्र में न हो। वह एकदम साफ हो।
- एक हाथ में पुस्तक, संदेश देती है कि हमारा लगाव पुस्तकों के प्रति, साहित्य के प्रति हो। विद्यार्थी कभी पुस्तकों से अलग न हो, भौतिक रूप से भले ही कभी किताबों से दूर रहे लेकिन हमेशा मानसिक रूप से किताबों
के साथ रहे।
- एक हाथ में माला है, यह बताती है कि हमें हमेशा चिंतन में रहना चाहिए,
जो ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, उसका लगातार मनन करते रहें, इससे आपकी मेधा बढ़ेगी।
- दो हाथों से वीणा का वादन, यह संकेत करता है कि विद्यार्थी जीवन में ही
संगीत जैसी ललित कलाओं प्रति भी हमारी रुचि होनी चाहिए। संगीत हमारी याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक होता है।
- सरस्वती नदी किनारे एकांत में बैठी है, यह संकेत है कि विद्यार्जन के लिए एकांत भी आवश्यक है। विद्यार्थी को थोड़ा समय एकांत में भी बिताना चाहिए।
- सरस्वती के पीछे सूरज भी उगता दिखाई देता है, यह बताता है कि पढाई के लिए सुबह का समय ही श्रेष्ठ है।
- सरस्वती के सामने दो हंस हैं, ये बुद्धि के प्रतीक हैं, हमारी बुद्धि रचनात्मक और विश्लेषणात्मक दोनों होनी चाहिए।
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