विवाहसन्दर्भे आह्वानपत्रलेखनं यथा-----
श्रीरस्तु शुभमस्तु अविघ्नमस्तु
॥ श्री कुलदेवता प्रसन्ना भूयात् ॥
अयि मान्याः, सादरं वन्दनानि।
स्वस्ति श्री शालिवाहनशके----------नाम संवत्सरे ------मासे-------पक्षे-----तिथ ौ------वासरे-----दिनाङ्के----- -प्रातः-------वादने------ लग्नशुभांशे
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मम द्वितीयः पुत्रः | श्री--------इत्यस्य प्रथमा पुत्री
चि॥------------------ | चि॥ सौ॥-----------------
------------------------------ ------------------------------ ------------------------------ -------- इत्येतयोः विवाहमङ्गळोत्सवः गुरुजनैः कुलदेवतानुग्रहेण निश्चितः अस्ति।------नगरे
----------कल्याणमन्दिरे सम्पत्स्यमाने अस्मिन् विवाहमङ्गळोत्सवे भवन्तः समुपस्थाय
वधूवरौ आशीर्भिः अनुगृह्णन्तु इति प्रार्थ्यते।
शिवपुरम् इति भवदागमनाभिलाषी,
दिनाङ्कः----- श्रीमती/ श्री----------------------
--- इरागावारापू नारासिम्हाचार्य
॥ श्री कुलदेवता प्रसन्ना भूयात् ॥
अयि मान्याः, सादरं वन्दनानि।
स्वस्ति श्री शालिवाहनशके----------नाम संवत्सरे ------मासे-------पक्षे-----तिथ
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मम द्वितीयः पुत्रः | श्री--------इत्यस्य प्रथमा पुत्री
चि॥------------------ | चि॥ सौ॥-----------------
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----------कल्याणमन्दिरे सम्पत्स्यमाने अस्मिन् विवाहमङ्गळोत्सवे भवन्तः समुपस्थाय
वधूवरौ आशीर्भिः अनुगृह्णन्तु इति प्रार्थ्यते।
शिवपुरम् इति भवदागमनाभिलाषी,
दिनाङ्कः----- श्रीमती/
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