Sunday, June 10, 2012

अनिष्ट शक्तियोंसे बचाव कैसे करें ?

* भारतीय संस्कृति अनुसार आचरण करें
* पाश्चात्य संस्कृतिका कमसे कम अनुकरण करें
१. अपनी वेशभूषा भारतीय संस्कृतिके अनुसार रखें, ध्यान रखें भारतीय संस्कृति-अनुसार वेशभूषासे हमारा अनिष्ट शक्तियोंसे रक्षण होता है और देवताके तत्त्व भी हमारी ओर आकृष्ट होते हैं | अतः स्त्रियोंको साडी और पृरुषोंको धोती, कुर्ता या कुर्ता-पायजामा धारण करना चाहिए | स्त्रियोंको भूलसे भी पुरुषोंके वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए; इससे स्त्रियोंको जनेन्द्रियां संबंधित कष्ट होते हैं |
२. तिलक या टीका लगाएं इससे भी अनिष्ट शक्तियोंकी काली शक्ति आज्ञा चक्रमें प्रवेश नहीं कर पाती हैं |
३. पुरुषने शिखा और यदि यज्ञोपवीत हो चुका हो तो उसे धारण करें |
४. स्त्रीयोंने भूलसे भी मद्य और सिगरेट नहीं पीनी चाहिए इससे स्त्रीकी योनि अनिष्ट शक्तियोंके लिए पोषक स्थान बन जाती है और उनकेद्वारा उत्पन्न बच्चोंको जन्मसे ही अनिष्ट शक्तियोंके कष्ट होते हैं |
५. जहां तक संभव हो काले वस्त्रका प्रयोग पूर्ण रूपसे टालना चाहिए, इससे भी अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट होता है |
६. बाहरका भोजन विशेष कर डब्बाबंद(tinned) खाद्य सामाग्रीको ग्रहण करना टालना चाहिए, यदि ग्रहण करना ही पड़े तो प्रार्थना और नामजप कर ग्रहण चाहिए |
७. सुबह सूर्योदयसे पहले उठना चाहिए सूर्योदयके पश्चात उठनेसे मन एवं बुद्धिपर आवरण निर्माण होता है |
८. किसी भी प्रकारके व्यसनको चखनेसे भी बचना चाहिए |
९. मांसाहारके बजाय शाकाहारकी ओर प्रवृत्त होना चाहिए
१०. प्रतिदिन आठ-दस लोटे जलमें नमक पानी और देसी गायके गौमूत्रका एक चम्मच डाल पहले स्नान करना चाहिए तत्पश्चात सामान्य स्नान करना चाहिए |
११. आजकलके डियो और तेज सुगंधी अनिष्ट शक्तियोंको आकृष्ट करनेकी प्रचंड क्षमता रखते है उन्हें लगाना पूर्णत: टालना चाहिए यदि लगाना ही हो तो पूजामें देवताको अर्पण करनेवाले फूलोंसे बने या नैसर्गिक पदार्थसे बने इत्र लगाना चाहिए |
१२. सिंथेटिक और चमड़ेके वस्त्र पहनना पूर्णत: टालना चाहिए |
१३. टीवी और नेटपर बिना विशेष कारण अधिक समय नहीं देना चाहिए वे रज-तमके स्पंदन प्रक्षेपित करते हैं और हमारे मन एवं बुद्धिपर आवरण निर्माण करते हैं |
१४. भूतहा एवं डरावनी(हॉरर) फिल्म्स और धारावाहिक देखना टालना चाहिए इससे भी घरमें काली शक्ति प्रक्षेपित होती है |
१५. नमक-पानीका नियमित उपाय करना चाहिए | जिन्हें कष्ट हो उन्हें दो बार अवश्य ही करना चाहिए | नमक-पानीका उपाय नियमित करनेसे मन एवं बुद्धिपर छाया काला आवरण नष्ट हो जाता है और मन एकाग्र और शांत रहनेमें सहायता मिलती है |
१६. सात्त्विक और पारंपरिक अलंकार धारण करने चाहिए |
१७. सोते समय पूर्ण अंधेरा कर नहीं सोना चाहिए संभव हो तो घीका या तेलका दिया जलाकर सोना चाहिए अन्यथा पीले रंग या सफ़ेद रंगके नाइट बल्ब जलाकर सोना चाहिए |
१८. नामजप अधिकसे अधिक प्रमाणमें करना चाहिए |
१९. पितरोंके चित्र घरमें रखना टालना चाहिए |
२०. किसी संतकी कृपा पानेका प्रयास करने हेतु उनके बताए अनुसार साधना करना चाहिए |
२१. गंगा, जमुना नर्मदा, कावेरी जैसे पवित्र नदियोंमें या समुद्र स्नानका यदि संधि मिले तो अवश्य ही करना चाहिए इससे ही अनिष्ट शक्तियोंके कष्ट कम हो जाते हैं |
२२. घरका वातावरणको शुद्ध करनेका नियमित प्रयास करना चाहिए अतः घरमें वास्तु शुद्धिके सारे उपाय नियमित करें |
२३. यदि संभव हो तो घरमें देसी गाय अपने प्रांगणमें रखें |
२४. अपने धनका त्याग धर्म-कार्य हेतु नियमित करना चाहिए |
२५. ग्रन्थोंका वाचन करें और उसे जीवनमें उतारनेका प्रयास करें |
२६. घर एवं बाहर स्वभाषामें संभाषण करें | संस्कृत देव वाणी है अतः इसे स्वयं भी सीखें और अपने बच्चोंको भी अवश्य सिखायें | संस्कृत पढ्नेसे तेजस्विता बढती है
२७. नियमित योगासन एवं प्राणायाम करें | इससे हमारे शरीरमें एकत्रित काली शक्ति नष्ट होती है और स्थूल देह एवं मनोदेह (मन ) की ३०% तक शुद्धि होती है जिससे हम शारीरिक रूपसे स्वस्थ रह सकते हैं |
२८. . फिल्मी गाने और विशेषकर पाश्चात्य संगीतको अधिक समय सुननेसे बचें | इससे भी हमारे शरीर में काली शक्ति प्रवेश करती है |
२९. स्त्रियोंको अपने केश लंबे रखने चाहिए और नाखून नहीं बढ़ाने चाहिए | स्त्रियोंको अपने केश खुले नहीं छोड़ने चाहिए |
३०. सोनेसे पूर्व पंद्रह मिनट नामजप कर, उपास्य देवतासे कवच मांगकर सोना चाहिए | इससे रात्रिमें होने वाले अनिष्ट शक्तिके आक्रमणसे बच सकते हैं |


३१. अपने स्वभाव दोषको दूर करनेके लिए प्रतिदिन अपनी चूक एक अभ्यास पुस्तिकामें लिखनी चाहिए और उस प्रकारकी चूक पुनः न हो, यह प्रयास करना चाहिए |
३२. अनावश्यक बातें करना, अपशब्द बोलना इत्यादि पूर्णत: टालना चाहिए |

---- तनुजा ठाकुर 

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