Monday, June 18, 2012

वस्त्र और ज्योतिष-शास्त्र

नये वस्त्र धारण करना भारतीय संस्कृति में सदैव से शुभ माना जाता है । किसी विवाह-समारोह में सम्मलित होना हो या फिर किसी नवजात शिशु के नामकरण के अवसर पर जाना हो या फिर त्योहारों का अवसर हो, बिना नए वस्त्रों के इन विशेष अवसरों पर सम्मलित नहीं हुआ जाता । नवीन वस्त्रों के धारण करने का अपना ही महत्व है, परन्तु यदि हम वस्त्र को धारण या सिलवाते समय थोडा सा ज्ञान ग्रहों -नक्षत्रों का भी ले लें तो हमारे वस्त्र हमारे लिए हमारे सोभाग्य का दरवाजा खोल सकते है। पढने , सुनने या कहने में यह बात साधारण सी लगती है कि यदि आपके वस्त्र धारण करने का समय आपके ग्रहों-नक्षत्रों के अनुरूप नहीं है तो वही नवीन वस्त्र कहीं आपके लिए अभिशाप ना बन जाएँ और आप केवल यह कह कर चुप हो जाये यह तो केवल संयोग है या फिर उस परमात्मा की इच्छा । परन्तु यहाँ यह बात महत्वपूर्ण है कि आप कौन से कपडे के वस्त्र धारण करने जा रहे हैं वह वस्त्र उनी,सूती ,रेशमी या फिर सिंथेटिक है ? और ग्रह- नक्षत्रों के अनुकूल हैं ? यदि ऐसा नहीं है तो हो सकता है वह वस्त्र आपके लिए दुर्भाग्य ले कर आयें, इसलिए कपड़ो के बनवाने के नक्षत्रों और पहनने के नक्षत्रों में मेल नहीं है तो यह वस्त्र आपके लिए अनिष्टकारी सिद्ध होंगे । परन्तु आप इन अनिष्टों से आपने आप को बचा सकते हैं और अपने भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं । आप को केवल नए वस्त्र धारण करने से पहले उस दिन के नक्षत्र पता करना है ।
१. अश्विनी नक्षत्र में वस्त्र धारण करने से और नए वस्त्र धारण करने को मिलतें हैं ।
२. भरणी नक्षत्र में कपडे पहननें से वस्त्रों के गुम हो जाने का भय होता है और उन्हें कोई चुरा लेता है ।
३. कृतिका नक्षत्र में कपड़ों के जलने की संभावना अधिक होती है ।
४. रोहिणी नक्षत्र में जब कभी भी आप वस्त्र धारण करंगे आप को धन - लाभ होगा ।
५. मृगशिरा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से उस वस्त्र को कीटों से खराब होने की सम्भावना रहती है और उन वस्त्रों को कोई उठा कर ले जाता है ।
६. आर्द्रा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से जीवन के उपर संकट आ जाता है व्यक्ति की मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट पता है ।
७. पुनर्वसु नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से सोभाग्य की प्राप्ति होती है ।
८. पुष्य नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से धन -लाभ के अनेकों मार्ग खुल जाते हैं ।
९. आश्लेषा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से अपयश,अनर्गल वाद - विवाद या वस्त्र का खत्म हो जाना निश्चित है ।
१०. मघा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से आपके लिए नवीन वस्त्र जानलेवा सिद्ध हो सकता है ।
११. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से आपके व्यवसाय में व्यवधान पडेगें और सरकार की और से आपको तंग किया जाएगा ।
१२ . उतरा-फाल्गुनी नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से धन -लाभ के अनेकों मार्ग खुल जाते हैं ।
१३ . हस्त नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से बिगड़े हुए कार्य बनते हैं और नये कार्यों के सिद्ध होने की प्रबल सम्भावना रहती है ।
१४. चित्रा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से शुभ समाचार मिलते है और प्रेम – प्रसंगों का विस्तार होता है
१६.स्वाति नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से नए कार्य और एश्वर्ये की प्राप्ति होती है
१७ विशाखा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से अपने मित्रों से सहयोग, घर के सदस्यों से सहयोग और स्नेह की प्राप्ति होती है
१८. अनुराधा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से मित्रों से मेल –जोल बड़ता है
१९. ज्येष्ठा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से वस्त्र का नाश होता है
२०. मूल नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से जल में डूबने का भय रहता है अत: तैराकों को इस और विशेष ध्यान देना चाहिए
२१. पूर्वाषाडा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से नए रोगों के लगने की सम्भावना अधिक रहती है
२२. उतराषाडा नक्षत्र में नावें वस्त्र धारण करने से मन पसंद भजन की प्राप्ति है
२३. श्रवण नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से चक्षु रोग होने की प्रबल सम्भावना होती है
२४ धनिष्ठा नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण कंरने से धन और एश्वर्य की प्राप्ति होती है
२५ शतभिषा नक्षत्र. में नवीन वस्त्र शरण करने से आपको पेट के रोग होगें या विष आदि से भय होगा
२६ पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से रोगों की सम्भावना होती है
२७. उतराभाद्रपद नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से पुत्र की प्राप्ति होती है

२८. रेवती नक्षत्र में नवीन वस्त्र धारण करने से अर्थ-लाभ आजीविका प्राप्त होने की सम्भवना होती है

---  श्री अनुराग मिश्र

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